श्रीनगर, 7 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके के एक सरकारी स्कूल में हुए आतंकी हमले में दो शिक्षकों की मौत हो गई है। ज्ञात हो कि मारे गए दोनों शिक्षक गैर-मुस्लिम थे। इस कारण से घाटी में सांप्रदायिक तनाव फैलने की संभावना उत्पन्न हो गई है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि नागरिकों को निशाना बनाने की ये हालिया घटनाएं यहां भय, सांप्रदायिक विद्वेष का माहौल बनाने के लिए हैं। यह स्थानीय लोकाचार और मूल्यों को निशाना बनाने और स्थानीय कश्मीरी मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है। यह पाक में एजेंसियों के निर्देश पर किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एक स्कूल में दो शिक्षकों की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों पर जघन्य आतंकी हमलों के अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। आतंकवादी और उनके संरक्षक जम्मू-कश्मीर की शांति, प्रगति और समृद्धि को बाधित करने में सफल नहीं होंगे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आतंकी हमला आज सुबह हुआ जब स्कूल के प्रिंसिपल ऑफिस में शिक्षकों की बैठक चल रही थी और उसी दौरान कुछ आतंकी मीटिंग हॉल में घुस आए। आतंकियों ने पहले मुस्लिम और हिंदू अध्यापकों को अलग-अलग कर दिया और फिर दो हिंदू शिक्षकों को गोलियों से भून डाला। मारे गए शिक्षक में से एक प्रिंसिपल भी शामिल है। दोनों शिक्षकों को गोली मारने के बाद आतंकी घटनस्थल से फरार हो गए। यह घटना साफ-साफ वैमनस्य फैलाने के प्रयास के तहत देखी जा सकती है।
ज्ञात हो कि एक ऐसे ही हमले में कल बुधवार 6 अक्टूबर की शाम को आतंकियों ने केमिस्ट की दुकान चलाने वाले माखनलाल बिंद्रू समेत तीन लोगों को गोली मार कर हत्या कर दी थी। कल के बाद आज का यह हमला घाटी में सुरक्षा को लेकर चिंतित करता है। यह घाटी को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिस की ओर इशारा करता है। साथ ही ऐसे हमलों को सुरक्षाबलों की कारवाई की प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा सकता है।